कोरोना रोकने के लिए प्रदेश सहित संपूर्ण देश में लागू हो पूल टेस्टिंग: डॉ अदिति सिंघल


मध्यप्रदेश : इंदौर। पूल टेस्ट के द्वारा कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों का परीक्षण किया जा सकता है इस बात को समझते हुए उत्तर प्रदेश एवं अंडमान निकोबार में इसे प्रयोग में लाते हुए कम संसाधनों में बड़ी सफलता की ओर छलांग लगाई है। एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार इसे इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर द्वारा भी अनुमति दे दी गई है। इंदौर के विशेषज्ञों द्वारा तैयार एक रिसर्च पेपर के अनुसार अगर जन समूह पर प्रश्नावली जो कि आरोग्य सेतु जैसी ऐप द्वारा एकत्रित की जा रही है तथा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की सहायता से अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय ट्रैवल हिस्ट्री की सूची प्राप्त कर सैंपल एकत्रित किए जा सकते हैं। इन सैंपलो को पूल टेस्टिंग द्वारा कम समय तथा कम टेस्टिंग किटों का उपयोग करते हुए संक्रमित तथा गैर संक्रमित व्यक्तियों की सूची प्राप्त कर ली जाती है तो यह हमें जल्द से जल्द संक्रमित व्यक्तियों को उपचार करने, लॉक डाउन को खोलने के लिए जोन को परिसीमित करने तथा संक्रमित जोन के परिसीमन के लिए उपयोगी होगा। विशेषज्ञ टीम की सदस्य अदिति सिंगल के अनुसार यह पूल टेस्ट जल्द से जल्द प्रदेश सहित संपूर्ण देश में लागू करना चाहिए जिससे हम संक्रमित व्यक्तियों को जल्द उपचार प्रदान कर सकें तथा देश की अर्थव्यवस्था को शीघ्रातिशीघ्र पटरी पर ला सकें। साथ ही यह टेस्ट व्यक्ति को अतिशीघ्र उसके नमूने की जांच का रिजल्ट उपलब्ध कराता है जिससे वह मानसिक स्थिरता रखते हुए अपनी बीमारी के सही इलाज की ओर अग्रसर होता है। इस टेस्ट के द्वारा हमारी टेस्टिंग कैपेसिटी को कई गुना बढ़ाया जा सकता है तथा उस पर आने वाले खर्च को भी कई गुना कम किया जा सकता है।
टोल नाका पर इंटरसिटी थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर और नमूना संग्रह केंद्र बना सकते हैंl लॉकडाउन खुलने के बाद शहर में असामान्य संक्रमित व्यक्ति के प्रवेश का पता लगाने के लिएl

क्या है पूल टेस्ट

पूल टेस्ट में प्रत्येक नमूने की जांच नहीं करते हुए टेस्टिंग मशीन की क्षमता अनुसार कुछ नमूनों को मिला लिया जाता है। अगर नमूनों के मिश्रण का टेस्ट नेगेटिव आता है तो सभी को नेगेटिव मान लिया जाता है और अगर पॉजिटिव आता है तो रिसर्च पेपर की टेबल अनुसार उसके वरीयता क्रम के अनुसार उन सभी नमूनों की जांच की जाती है। इससे समय की बहुत बचत होती है तथा जांच किट भी कम उपयोग करते हुए बड़ी संख्या में टेस्ट किए जा सकते हैं। यह टेस्ट उन क्षेत्रों के लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकता है जहां या तो संक्रमण की संभावना बहुत कम है अथवा अधिक संक्रमित क्षेत्र हैं।

पूलिंग टेस्ट की प्रक्रिया

एक काल्पनिक उदाहरण लेकर पूलिंग टेस्ट की व्याख्या की गई प्रक्रिया:-

एक प्रतिगमन क्षेत्र से संगरोधित जनसंख्या (Quanratined Population) के 500-600 नमूने लें उन्हें विभिन्न समूहों जैसे आयु, लक्षण, व्यसनों, जीवन शैली की बीमारियों के आधार पर 10 समूहों में विभाजित करें वर्गीकरण के अनुसार एकल टेस्ट ट्यूब में संबंधित श्रेणी के नमूने जोड़ें और मिश्रित नमूने पर आरटी-पीसीआर परीक्षण लागू करें, जिसके परिणामस्वरूप आपको 3-4 समूह सकारात्मक और 6-7 समूह नकारात्मक मिलते हैं, बाद में नकारात्मक नमूने त्यागें और 3-4 नमूने विभाजित करें आगे के 5-10 समूहों में लक्षणों, लिंग आदि की गंभीरता के आधार पर उन्हें टेस्ट करें और उन्हें व्यक्तिगत परीक्षण के लिए भेजें।

इससे आपको संक्रमित व्यक्ति का तथ्यात्मक डेटा, असंक्रमित समुदाय के तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ मिलता है।

उनके अलगाव और आवश्यक उपचार के लिए ध्यान केंद्रित करने से ।

यह COVID19 की मास स्क्रीनिंग के लिए गणितीय अवधारणा के आधार पर समझाया गया पूलिंग टेस्ट का तरीका है जो 3-4 बार परीक्षण क्षमता बढ़ाता है।

Metro Live News 9458415131
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