गाजियाबादप्रशासन कर रहा धार्मिक आधार पर भेदभाव: ज़ाकिर सैफ़ी

ग़ाज़ियाबाद ( इरफ़ान सैफ़ी )
एक तरफ देश जहाँ एकजुट होकर कोरोना से लड़ रहा है वहीँ दूसरी ओर पार्षद मोहम्मद ज़ाकिर अली सैफ़ी ने प्रशासन पर मदद के नाम पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने का गम्भीर आरोप लगाया है। ज़ाकिर सैफ़ी का कहना है कि प्रशासन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भेदभाव का रवैया अपना रहा है।
नगर निगम ग़ाज़ियाबाद के वार्ड 95 में इस्लामनगर, कैला भट्टा,जस्सिपुरा, हबीब कम्पाउंड आदि क्षेत्र आता है। यह सब इलाके मुस्लिम बहुल हैं। इसके अलावा चमन कॉलोनी,गुलज़ार कॉलोनी तथा अमन कॉलोनी भी पास में ही हैं।
ज़ाकिर सैफ़ी ने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाके होने के कारण यहाँ पर प्रशासन किसी तरह की मदद नही कर रहा है। जबकि यहाँ पर हज़ारों परिवार भुखमरी की कगार पर हैं। केवल स्थानीय लोगों ने ही मदद करके स्थिति को सम्भाला हुआ है वर्ना अब तक यहाँ भूख से कई मौतें हो गयी होतीं। यहाँ की 70% आबादी किराये पर रहती है। यहाँ लगभग 25% लोगों के राशन कार्ड भी नही हैं। यह लोग रोज़मर्रा के कमाने वाले हैं। लॉक डाउन के बाद से अभी तक किसी अधिकारी यहाँ की सुध नही ली है। प्रशासन द्वारा लोगों की मदद के लिए किसी भी तरह का कोई सर्वे नही कराया गया है। जबकि दूसरे इलाकों राजनगर,कविनगर शास्त्रीनगर आदि में प्रशासन द्वारा मदद पँहुचाई जा रही है। यहाँ पर किसी भी ग़रीब को अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई कच्चा पक्का राशन नही मिला है। प्रशासनिक अधिकारीयों से बात की थी तो उन्होंने लिस्ट माँगी। लिस्ट देने के बाद भी अभी तक किसी तरह की कोई मदद नही पँहुची है।
सफाई व्यवस्था का भी यहाँ बुरा हाल है। सप्ताह में एक दो बार क्षेत्र में सेनेटाइज़र मशीन आती है। जबकि गन्दगी को देखते हुये यहाँ प्रतिदिन सेनेटाइज़ कराये जाने की आवश्यकता है। फॉगिंग मशीन को भी पर्याप्त तेल तथा दवाई नही दी जाती है। अभी तक नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने भी क्षेत्र का दौरा नही किया है।
नेता प्रतिपक्ष ज़ाकिर अली सैफ़ी ने कहा कि प्रशासन को धार्मिक भेदभाव छोड़ कर इंसानियत के नाते काम करना चाहिए। कोरोना वायरस धर्म देख कर हमला नही कर रहा है। यदि मुस्लिम क्षेत्रों को लावारिस हालत में छोड़ा गया और यहाँ कोरोना फ़ैल गया तो वो दिन दूर नही होगा जब यह राजनगर, कविनगर, शास्त्रीनगर, नेहरूनगर आदि जगहों पर पँहुच जायेगा। क्योंकि हम सब भारतीयों की एक दूसरे से चैन जुड़ी हुई है।
मेरी प्रशासन से अपील है कि धार्मिक भेदभाव छोड़ कर मुस्लिम इलाकों की भी सुध लें।
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