एड्यूलीडर्स वेबिनार के छठे दिन शिक्षक पहुंचे गुणवत्ता के नए शिखर पर
निशा सिंह ने पीपीटी के माध्यम से रुब्रिक्स के बारे में स्टेप वाइज बताया गया। उन्होंने यह भी बताया कि आकलन का तरीका और लर्निंग आउटकम का चयन करने के बाद सक्सेस क्राइटेरिया की लिस्टिंग करते हैं। फिर हर सक्सेस क्राइटेरिया के लिए निर्धारित एक्सपेक्टेशन के साथ ग्रेडिंग या स्केलिंग, बिगिनर, एक्सेप्टेबल, परफेक्ट करते हैं। निशा का कहना है कि रुब्रिक्स बहुत ही छोटे छोटे और स्पेसिफिक सक्सेस क्राइटेरिया के लिए बनाकर एक पूरी क्लास का डाटा एनालिसिस करने के लिए लाभदायक रहता है। इसके लिए अपनाए जाने वाले एसेसमेंट टूल्स प्रॉपर ना होने पर बिगिनर या नीड हेल्प में ज्यादा बच्चे होंगे। इसलिए टूल्स अनुकूल होने चाहिए। उनका कहना है कि क्वांटिटेटिव एंड क्वालिटेटिव स्केलिंग के बाद बच्चों को तुरंत फीडबैक देना चाहिए।
सुषमा तिवारी और नीतू शर्मा ने सत्र में अपने अनुभवों के आधार पर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कराया। सरिता गुप्ता, मीता त्यागी, पूनम सिंह, मो.असलम, भारती, सीमा कौसर, रेणु शर्मा, ममता खन्ना, अर्चना पाठक, रेणु बहल आदि ने अपने प्रश्न किए। कोर टीम सदस्या सुषमा तिवारी, वाणी शर्मा, आवृत्ति अग्रवाल एवं लता शर्मा ने भी चर्चा में प्रतिभाग किया गया। ऋषि कुमार ने टेक्निकल सपोर्ट देकर वेबिनार को सहयोग दिया।
फोटो: ऑनलाइन प्रशिक्षण के प्रतिभागी गण
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