कोरोना पॉजिटिव ने बढ़ा दी कस्बे की परेशानियां, मसूरी हुआ सीज






         रिपोर्ट: शाकिब पँवार
     
मसूरी। चार लोगों के कोरोनावायरस  पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन ने मसूरी को  सीज कर दिया है। सीज होने पर कुछ मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जनजीवन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक ही है। लोगों को खुले आसमान के नीचे घूमने की आजादी समाप्त हो गई है। अब आरोप है कि दूध, सब्जी और राशन जैसी आवश्यक वस्तुएं सभी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही हैं। वहीं एसएचओ मसूरी ने कहा है कि कस्बे के हर ग्रामीण को सभी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है।

  बता दें कि 3 अप्रैल की रात्रि से प्रशासन ने मसूरी को सीज कर दिया है। पॉजिटिव कैसे मिलने पर मसूरी को प्रशासन द्वारा कोरोनावायरस हॉटस्पॉट घोषित किया गया था। इस बीच इंसीडेंट कमांडर उप जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार जांच करने के लिए कई बार मसूरी पहुंच चुके हैं। मसूरी स्थिति मोहल्ला नाली पाड़ा तथा जामा मस्जिद के आसपास कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति होने पर उपजिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रदेश महामारी नियमावली के अंतर्गत 3 किलोमीटर मसूरी क्षेत्र को सीज करने का आदेश पारित किया गया था।

  लगभग  सवा 2 किलोमीटर दूरी में फैले तथा लगभग 40 हजार लोगों की जनसंख्या वाले के कस्बे में प्रशासन द्वारा मात्र चार किराना तथा खाद्य आपूर्ति कर्ताओं के नाम व फोन नंबर की लिस्ट मुख्य स्थलों पर चस्पा की गई है। जिनमें फिरोज, बिलाल, यासीन तथा जोहर अली शामिल हैं। जरूरतमंद ग्रामीणों का आरोप है कि इनके फोन नंबर ही नहीं लग रहे हैं। जबकि दूध की आपूर्ति के लिए आनंदा रामप्रस्थ, मदर डेयरी के शरद गर्ग तथा नुसरत के फोन नंबर दिये गए हैं। दवाओं की आपूर्ति के लिए मात्र दो मेडिकल स्टोर के नाम दिए गए हैं। जिनमें एहसान मेडिकल स्टोर तथा गुलजार मेडिकल स्टोर को चयनित हैं। शुक्रवार को एहसान मेडिकल स्टोर बंद पाया गया। इतने बड़े कस्बे में फल व सब्जी के लिए एकमात्र शाह आलम का नाम लिस्ट में दिया गया है। उधर ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि लिस्ट में दिए गए सभी फोन नंबर सही नहीं हैं। इसी कारण उन्हें घर पर आवश्यक वस्तु नहीं पहुंच पा रही हैं।

  प्रधान पति शकील अहमद का कहना है कि सीज होने के बाद पूरी तरह से मसूरी को अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने सैनिटाइज नहीं किया है। उनका आरोप है कि विभाग ने जो फोन नंबर की सूची दी है।उस अधिकारियों के फोन नहीं लग पा रहे हैं। जिससे मसूरी में समस्या बढ़ रही हैं। एडवोकेट आसिफ अली का कहना है कि 1 सप्ताह बीत जाने पर भी मसूरी की सभी गलियों को और मोहल्लों को सैनिटाइज नहीं किया गया है उन्होंने बताया कि मसूरी बहुत लंबा चौड़ा क्षेत्र है सभी क्षेत्रों में सरकारी सुविधाओं का पहुंचना आवश्यक है। परंतु जरूरी वस्तुयें भी हर गली और मोहल्ला में नहीं पहुंच पा रही हैं।

  अफसर का कहना है कि लॉक डाउन सीज होने पर सरकार आवश्यक खाद्य पदार्थ की सेवाओं को बहाल करें। मुंशी नजर मोहम्मद का कहना है कि मसूरी में हाल दूध, किराना तथा दवाओं की परेशानी हो रही है। लिस्ट अनुसार लोग फोन कर रहे हैं। परंतु उन्हें फोन नहीं लग रहा है। मसूरी कस्बे के लिए सरकार दूध, किराना, सब्जी तथा फलों की आवश्यकता को तत्काल पूरी करे। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की दुकानें बंद होने से मासूम बच्चे और महिलाएं परेशान हैं। मुंशी का कहना है कि स्थानीय लोग लॉक डाउन और सीज होने पर घरों में बंद रहने पर मजबूर हैं। परंतु आवश्यक खाद्य पदार्थ जीवन के साथ आवश्यक तत्व हैं।
      उधर थाना मसूरी के एसएचओ उमेश पवांर ने बताया कि कस्बे में सेनीटाइज करने का काफी काम हो चुका है। उन्होंने बताया कि सैनिटाइज का कार्य ग्राम प्रधान को भी करना चाहिए। उमेश पवांर ने बताया कि लोगों को मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने का कार्य तेजी से चल रहा है। दूध की आपूर्ति के लिए कई कंपनियों को मसूरी भेजा जा रहा है। आवश्यकता अनुसार पुलिस गश्त कर रही है। यदि किसी पीड़ित व्यक्ति को कोई भी परेशानी या आवश्यकता होती है। तो गश्ती पुलिस को या 112 पर फोन करके तत्काल सूचित करें। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि कस्बे में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रशासन सदैव तत्पर है।
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