शुभम संस्थान ने किया शायर डाॅ शमीम राना को सम्मानित
डाॅ सिराज क़ुरैशी स्मृति में दिया ग़ज़ल गौरव सम्मान
गुलावठी। शुभम साहित्य, कला एवं संस्कृति संस्थान के 33 वें स्थापना दिवस, हिंदी दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम में मसूरी ग़ाज़ियाबाद के प्रसिद्ध शायर डाॅ शमीम राना को स्व डाॅ सिराज क़ुरैशी की स्मृति में प्रथम ग़ज़ल गौरव सम्मान से विभूषित किया। संस्थान ने डाॅ शमीम राना को एक शाल, मोंमेंटो और सम्मानीय राशि का चेक प्रदान किया। कार्यक्रम में अन्य साहित्यकारों को भी शिखर सम्मान, शुभम रत्न, शुभम श्री भी अर्पित किये और तीन ग्रंथों का लोकार्पण भी किया गया।
शनिवार की सांय मेरठ रोड स्थित परशुराम भवन में साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था शुभम साहित्य, कला एवं संस्कृति की ओर से शुभम महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से हुआ। अतिथियों के स्वागत सत्कार के पश्चात संस्था के अध्यक्ष डाॅ देवकीनंदन शर्मा, सचिव डाॅ रेखा जिंदल, कोषाध्यक्ष ललित कुमार शर्मा,स्व डाॅ सिराजुद्दीन क़ुरैशी के पुत्र सुहैल सिराज अहमद व अन्य गणमान्य अतिथियों ने शायर डाॅ शमीम राना को प्रसिद्ध शायर डाॅ सिराज क़ुरैशी की स्मृति में प्रथम "ग़ज़ल गौरव सम्मान" से अलंकृत किया।
इस से पूर्व शुभम रत्न सम्मान लखनऊ के प्रसिद्ध साहित्यकार अरविंद कुमार 'विदेह' को, शुभम श्री सम्मान बुलंदशहर की साहित्यकार मधु वार्ष्णेय को, स्व शशि भूषण मित्तल स्मृति में 'कविता गौरव' सम्मान खुर्जा के कवि प्रेम कुमार शर्मा को दिये गए। इस के पश्चात स्व नाहर सिंह की स्मृति में 'कहानी गौरव समान' ग़ाज़ियाबाद की कहानीकार डाॅ टिंकल शर्मा को, स्व रामलाल कंसल कि स्मृति में 'शिक्षा गौरव सम्मान' बुलंदशहर के शिक्षक सुनील कुमार निम को तथा स्व पवन कुमार कंसल की स्मृति में 'समाज गौरव सम्मान' समाजसेवी हेमंत सिंह को दिये गए।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में डाॅ देवकीनंदन शर्मा और डाॅ ईश्वर सिंह के ग्रंथ 'इंटरनेट युग और पुस्तकें' डाॅ देवकीनंदन शर्मा व मुकेश निर्विकार के ग्रंथ 'अपनी माटी अपनी कविता' और डाॅ 'ईश्वर सिंह के ग्रंथ 'सवाल सरोकारों के' का लोकार्पण अतिथियों ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एन आर ई सी काॅलेज खुर्जा के पूर्व प्राचार्य प्रो केशव देव शर्मा ने की। मुख्य अतिथि अरुण शकुन ग़ाज़ियाबादी रहे। अंत में अतिथियों और उपस्थित जनों का शुभम संस्थान के पदाधिकारियों ने आभार व्यक्त किया और प्रीतिभोज प्रस्तुत किया।
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