हैं पुलिस वाले तू क्या पाता है



  कोई तुझ पर थूके कोई पत्थर बरसाता है,
फिर भी तू मुस्कुराता है हैं
पुलिस वाले तू क्या पाता है।

 सम्मान की नजरों से तुझे कहीं ना देखा जाता है ,

बहुत सारे बदनाम उसे तुझे पुकारा जाता है फिर भी देशभक्ति का जुनून तुझे नहीं डिगाता है।

 हे पुलिस वाले तू क्या पता है

 तू सब जगह हीन नजरों से देखा जाता है
 कोई भी दो कौड़ी का नेता तुझ पर रौब जमाता है,
फिर भी तू नहीं घबराता है।

है पुलिस वाले तो क्या पाता है

जन सेवा करनी है तुझे इसीलिए तो घर नहीं जाता है आंसू आते हैं आंखों में यह देखकर जब कोई वर्दी वाला सड़क किनारे बैठ कर खाना खाता है।

है पुलिस वाले तू क्या पाता है

कर्तव्यों का निर्वहन करते करते तू कोई त्यौहार भी नहीं मनाता है बस अपने घरवालों को यह देखकर तो दूर से ही मुस्कुराता है।

 है पुलिस वाले तू क्या पाता है

डॉक्टर नईमुद्दीन (गुड्डू)

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