नई दिल्ली I सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली की आप सरकार इसे अपने पक्ष में बता रही है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि मोदी सरकार ने हमारे अधिकारों को कम किया और राज्य सरकार कोर्ट के फैसले के अनुरूप काम करेगी. साथ ही उन्होंने केंद्र और एलजी से दिल्ली की जनता से माफी मांगने की बात भी कही.

घर-घर डिलीवरी का काम शुरू होगा
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट की बैठक के बाद आयोजित पीसी में कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने जो फैसला सुनाया है, उसको लेकर कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने फैसले को कैबिनेट के समक्ष रखा. कैबिनेट में मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई, इसके बाद सरकार की ओर से निर्देश दिए गए कि इसी फैसले के अनुरूप काम किए जाएंगे.

उन्होंने आगे कहा कि कैबिनेट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि राशन की घर-घर डिलीवरी और सीसीटीवी का काम तुरंत शुरू किया जाए.

सीएम से लेनी होगी अनुमति
सिसोदिया ने कहा, '2 साल पहले हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार से ट्रांसफर-पोस्टिंग की ताकत छीनकर उपराज्यपाल और मुख्य सचिव को दे दी गई थी. बतौर सर्विसेज विभाग मंत्री मैंने आदेश जारी किया है कि इस व्यवस्था को बदलकर आईएएस और दानिक्स समेत तमाम अधिकारियों की ट्रांसफर या पोस्टिंग के लिए अब मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी.'

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सबसे बड़ा फैसला लेते हुए छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की पूरी व्यवस्था बदल दी है. तत्काल प्रभाव से यह व्यवस्था लागू करने के आदेश सर्विसेस विभाग को जारी कर दिया गया है.

एलजी रोक लेते थे फाइलें
उन्होंने कहा कि 2 साल पहले हाईकोर्ट के आर्डर में एलजी को पावरफुल बताया गया था. तब हर फाइल एलजी साहब रोक देते थे जबकि संविधान के मुताबिक उनके पास ताकत नहीं थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एलजी साहब से आदेश लेने की जरूरत नहीं रह गई है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता का 2 साल तक नुकसान किया गया. कई फाइलों को लेकर अधिकारियों को धमकी दी गई और मंत्रियों पर सीबीआई मामले थोपे गए. अब तक संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तस्वीर साफ हो गई है. कोर्ट ने बताया कि एलजी कुछ विषयों पर रोक लगा सकते हैं न कि हर विषय पर.

सिसोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन विषयों को छोड़कर सारे विषयों पर अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दे दिया है. ट्रांसफर-पोस्टिंग सर्विसेज का मामला उन तीन विषयों में नहीं आता इसलिए अब यह शक्तियां फिर से दिल्ली सरकार को मिल गई हैं. सर्विसेज विभाग अब चुनी हुई सरकार के पास रहेगी.
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