गोपनीय आख्या के नाम पर शिक्षकों का शोषण बर्दाश्त नहीं


गाजियाबाद। गोपनीय आख्या के खिलाफ मुख्यमंत्री के नाम शिक्षक संघ ने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के नाम पर प्रतिदिन इस प्रकार के आदेश निर्गत किये जा रहे हैं। जो कि शिक्षा व शिक्षक दोनों के ही हितों के खिलाफ हैं। हाल ही में गोपनीय आख्या के नाम पर शिक्षकों के मूल्यांकन सम्बंधित एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें विद्यालय कायाकल्प के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों के लिए भी शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके अंक निर्धारित किये गए हैं।जबकि कायाकल्प सम्बन्धी सभी कार्य पंचायत राज विभाग द्वारा किए जाने हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा इस प्रकार के आदेशों को अव्यवहारिक बताया गया है।जिसको लेकर गाजियाबाद के शिक्षक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मुख्यमंत्री एवम बेसिक शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।

इस अवसर पर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा का कहना है कि इस प्रकार के आदेश सीधे तौर पर शिक्षक विरोधी हैं। शिक्षकों की सेवा शर्तों को प्रभावित करने वाले हैं। जबकि प्रदेश के शिक्षक पूरी निष्ठा व लगन के साथ निरन्तर अपने निजी संसाधनों से शिक्षा हित में सुदृढ तरीके से छात्रों के पठन पाठन का कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार का आदेश शिक्षा एवम शिक्षकों के लिये न्यायोचित नही है। जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षकों में रोष ह वहीं शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ अनुज त्यागी का कहना है शिक्षकों की तमाम समस्याएं शासन में लंबित हैं। शिक्षकों को दिसंबर 2008 के बाद 17140 व 18150 वेतनमान का लाभ अभी तक भी नही मिला है। वही जब तक विद्यालयों को संसाधन/टेबलेट उपलब्ध नही कराये जाते, तब तक की स्थिति में आनलाइन कार्य को निष्पादित न करने पर शिक्षकों के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही के आदेश नहीं दिये जाने चाहिए। शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह कैश लैस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। परिषदीय विद्यालयों में भी साफ सफाई रख रखाव हेतु चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की जाए। शिक्षकों को भी 30 ई एल की सुविधा प्रदान की जाये।बेसिक शिक्षा परिषद में एन.जी.ओ.का दखल बंद हो। टी.ई.टी. उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को शिक्षक पद समायोजित किया जाए तथा अन्य शिक्षामित्रों के परिवार के प्रति सहानुभूति पूर्वक  विचार करते हुए कम से कम तीस हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाए। प्रदेश के लाखों शिक्षक कर्मचारी जो पुरानी पेंशन से वंचित हैं। उनके लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाए। इन तमाम समस्याओं को लेकर पूरे प्रदेश के शिक्षकों में रोष है। अगर जल्दी ही इन समस्याओं का शासन द्वारा निस्तारण नही किया गया, तो प्रदेश के शिक्षक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदेश मित्तल, लोनी अध्यक्ष मनोज डागर, भोजपुर अध्यक्ष पुष्पेन्द्र चौधरी, मुरादनगर अध्यक्ष अमित यादव, रजापुर अध्यक्ष मनोज त्यागी, मंत्री मुरादनगर अजय कुमार, शैक्षिक महासंघ में मंत्री कनक सिंह, मो.हारून,दिनेश चौधरी, धर्मेश जौहर, जयप्रकाश शर्मा, परवीन चौधरी, रविन्द्रपाल, ओमेन्द्र तिवारी, प्रभात कुमार, अनुराधा, रितु गोयल,रमा मिश्रा, राखी संघल, सैलजा राजन, ढबारसी से नविता कुलश्रेष्ठ, माया रानी, संतोष, रश्मि गुप्ता, विनेश के अलावा अजहर यामीन, शौकीन अली, अरमान अली आदि भी उपस्थित थे।

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