मीडिया में प्रोपेगेंडा के खिलाफ पत्रकारों ने शुरू किया #mediamafia अभियान, मिल रहा राष्ट्रव्यापी समर्थन।




सिनेमा माफ़िया कि तर्ज पर मीडिया माफ़िया भी सक्रिय है, जोकि नवागत पत्रकारों को बिना लिंक/ जैक/ रेफरेंस/पैरवी/सोर्स के इंडस्ट्री में जगह नहीं देते। यही माफियाओं का सिंडीकेट आपको जनसरोकार की खबरों से बहुत दूर बेकार की खबरों में उलझाये रहता है। मीडिया माफ़िया के कारण पत्रकार को दलाल और पार्टी प्रवक्ता बनने पर मजबूर किया जाता है। मीडिया माफ़िया इतना हावी है कि किसी के भी चरित्र का हनन कर सकता है। मीडिया ट्रोल करके लोगों को अवसाद में धकेल देता है। आवाज़ उठाने के लिये जरूरी नहीं की किसी की आत्महत्या के बाद ही हम जागे, इसलिए कुछ युवा पत्रकारों ने इन मीडिया माफ़िया का नींद हराम करने का बीड़ा उठा लिया है। फ़ेसबुक और ट्विटर पर #mediamafia नाम से अभियान शुरू कर दिया है।

युवा पत्रकारों द्वारा शुरू किये गये अभियान #mediamafia से अब सैकड़ों युवा पत्रकार जुड़ रहे हैं और मीडिया माफ़िया के खिलाफ़ अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। इस अभियान से युवा पत्रकार बताने निकले है कि कैसे एक पत्रकार को पार्टी प्रवक्ता बना दिया जाता है, कैसे एक पत्रकार को समाचार के साथ विचार थोपने वाला बनाया जाता है, कैसे इंडस्ट्री लड़कियों को गिद्ध की नजर से देखती है। मीडिया माफ़िया कैसे इंटर्नशिप के नाम पर महीनों नवीन पत्रकारों को शोषित करता है। अंततः नौकरी के नाम पर दो हजार का मानदेय पकड़ा दिया जाता है।

#mediamafia के माध्यम से इनका प्रयास है कि युवा पत्रकारो के साथ हो रहे शोषण को पूरा देश जाने। सबको पता चले कैसे मीडिया में मुट्ठी भर लोग ठगने का काम करने में व्यस्त है।

अभियान को चला रहे युवाओं का कहना है कि #mediamafia अभियान निरंतर चलता रहेगा। अब मीडिया समूह में शोषण के खिलाफ़ खुलेआम बोलेंगे। लोगों से समर्थन के बाद अभियान से जुड़े पत्रकारों का मनोबल बढ़ गया है। अभिषेक रंजन और शिव नारायण बताते है कि जल्द ही इस आंदोलन को राष्ट्रव्यापी रूप देंगे, किस प्रकार से मीडिया इंडस्ट्री पत्रकार और नवागत के जीवन से खेल रही है।

#mediamafia अभियान को शोषण के खिलाफ हथियार बनाएंगे और समाचार के साथ विचार देने की प्रवृत्ति से भी लड़ेंगे। पत्रकारिता के नाम पर दुकानदारी में लगे लोगो को उजागर करेंगे।

फेसबुक और ट्विटर पर मीडिया माफ़िया द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार की कहानी सैंकड़ो युवाओं की अभिव्यक्ति को #mediamafia हैशटैग पर पढ़ सकते है।

मीडिया इंडस्ट्री में व्याप्त शोषण के खिलाफ पत्रकार अभिषेक रंजन और शिवा नारायण ने इस अभियान की शुरुआत की है। अब सैंकड़ों लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं। शुरुआती दौर में देवेश अवस्थी,मोहित श्रीवास्तव, शाकिब पँवार, आलोक दुबे, मुकेश कुमार, गौरव झा, राहुल पाठक और आशीष ने साथ दिया है। अब पत्रकारों की एक बड़ा समूह इस प्रयास और बदलाव की बयार को सशक्त कर रहा है।
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