मजहब  मेरा  दीन, धर्म  सब,  है मेरा हिंदुस्तान

रहे  सलामत  सबकी  दुनिया , है मेरा  अरमान

भाईचारा,प्यार  मौहब्बत, धर्म बने  यह सबका
ऊंच नीचऔर भेद भाव  से दूर रहे सब तबका
मां बहनों की इज्जत,शोहरत हो सबका इमान
बूढ़े बच्चे, मात -पिता  सब, पाए  यहां सम्मान
रहे  सलामत  सबकी दुनिया , है मेरा  अरमान

बुरे  कर्म  से  जिस  दिन  तोबा कर लेगा इंसान
होंगे  हम पर तभी महरबां अल्ला और भगवान
मानवता  की राह  पकड़  ले  हे ! मानव नादान
रहे  सलामत  सबकी दुनिया , है  मेरा  अरमान
रहे  सलामत  सबकी दुनिया , है मेरा  अरमान

हर मन में  बजें  घंटियां और गूंजे गगन अजान
तू आकर मेरी पढे आरती ,मैं बांचू  तेरी कुरान
एक खून है, एक भावना ,एक पूर्वज रहे महान
अमन चैन से जीना सिखाती गीता और कुरान
रहे सलामत  सबकी दुनिया , है  मेरा  अरमान

बन सको बनो अटल से और जैसे  बने   कलाम
एक  शंहशाह  बने  देश के,  एक  बने  सुलतान
वाहेगुरु की फतह हो जग में, पुजे मेरा सविधान
सवा  लाख से एक लडे जो देश पे हो बलिहारी
रहे  सलामत  सबकी दुनिया , है मेरा  अरमान

                देवेन्द्र सिसोदिया " देव मित्र'
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours